बिहार में बाढ़ की त्रासदी के कारण हमारी संस्था द्वारा सितम्बर में दिल्ली में बिहार उत्सव का आयोजन नही हो पाया। इसके पीछे कई कारण रहे। अव्वल तो यह कि इस आयोजन में महती भूमिका निभाने वाले कई साथी बिहार में बाढ़ आने पर सीधे पटना की ट्रेन पकड़ राहत कार्य में जुट गए। बिहार ऐसी विपदा में फंस गया कि कुछ समझ में नही आ रहा था कि एक और जहाँ बिहार के लोग बाढ़ से त्रस्त हैं वहीं हम दिली में बिहार उत्सव का आयोजन कैसे करें।
फ़िर सर्वसम्मति से विचार बना कि सितम्बर की उसी तारीख को बाढ़ पीडितों के लिए बाल भवन में एक कार्यकम का आयोजन करते हैं और बिहार के पीडितों को सहायता प्रदान करते है। हम लोग इस मिशन में काफी हद तक सफल रहे।
अब जब बिहार में काफी हद तक जिन्दगी रफ्ता-रफ्ता अपनी लय में आ रही है तो बिहार उत्सव का आयोजन दिसम्बर के अन्तिम सप्ताह में दिल्ली में आयोजित करने की तैयारी चल रही है। अब जब सारा कम नए सिरे से करना पड़ रहा है तो लाजमी है समय और जोश की और जरूरत होगी ही। ऐसे में संस्था के सदस्य, दोस्त, अभिभावक, कला प्रेमी, विज्ञापन दाताओं और खासकर उन तमाम कला दर्शकों की शुक्रगुजार हूँ जिन्होंने हर पल, हर समय मेरी हौसलाफजाई की। तो थोड़ा और इंतजार,इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र में मिलते हैं दिसम्बर के अंतिम सप्ताह।
Tuesday, October 21, 2008
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